एक बात समझ नहीं आती,
ये क़ीमतें हमेशा आलू, प्याज़ और टमाटर जैसे मासूमों की ही क्यों बढ़ती हैं?
टींडे, लौकी, तोरई, कुंदरी और करेले जैसी खूंखार सब्ज़ियों की कोई जमाखोरी क्यों नहीं करता?
एक बात समझ नहीं आती,
ये क़ीमतें हमेशा आलू, प्याज़ और टमाटर जैसे मासूमों की ही क्यों बढ़ती हैं?
टींडे, लौकी, तोरई, कुंदरी और करेले जैसी खूंखार सब्ज़ियों की कोई जमाखोरी क्यों नहीं करता?